Zechariah 13

1उस रोज़ गुनाह और नापाकी धोने को दाऊद के घराने और यरुशलीम के बशिन्दों के लिए एक सोता फूट निकले गा 2और रब्ब-उल-अफ़वाज फ़रमाता है, मैं उसी दिन मुल्क से बुतों का नाम मिटा दूँगा, और उनको फिर कोई याद न करेगा; और मैं नबियों को और नापाक रूह को मुल्क से ख़ारिज कर दूँगा।

3और जब कोई नबुव्वत करेगा, तो उसके माँ-बाप जिनसे वह पैदा हुआ उससे कहेंगे तू ज़िन्दा न रहेगा क्यूँकि तू ख़ुदावन्द का नाम लेकर झूठ बोलता है और जब एह नबुव्वत करेगा तो उसके माँ बाप जिनसे वह पैदा हुआ छेद डालेगें |

4और उस दिन नबियों में से हर एक नबुव्वत करते वक़्त अपनी ख़्वाब से शर्मिन्दा होगा, और कभी धोखा देने के लिए कम्बल के कपड़े न पहनेगे, 5बल्कि हर एक कहेगा, कि मैं नबी नहीं किसान हूँ, क्यूँकि मैं लड़कपन ही से गु़लाम रहा हूँ।’ 6और जब कोई उससे पूछेगा, कि तेरी छाती” पर यह ज़ख़्म कैसे हैं?” तो वह जवाब देगा यह वह ज़ख्म हैं जो मेरे दोस्तों के घर में लगे |

7रब्ब-उल-अफ़वाज फ़रमाता है, “ऐ तलवार, तू मेरे चरवाहे, या’नी उस इन्सान पर जो मेरा रफ़ीक़ है बेदार हो। ‘चरवाहे को मार कि ग़ल्ला तितर-बितर हो। जाए, और मैं छोटों पर हाथ चलाऊँगा।

8और ख़ुदावन्द फ़रमाता है, सारे मुल्क में दो तिहाई क़त्ल किए जाएँगे और मरेंगे, लेकिन एक तिहाई बच रहेंगे। और मैं इस तिहाई को आग में डालकर चाँदी की तरह साफ़ करूँगा और सोने की ताऊँगा। वह मुझ से दु’आ करेंगे, और मैं उनकी सुनूँगा। मैं कहूँगा, ‘यह मेरे लोग हैं,” और वह कहेंगे, ‘ख़ुदावन्द ही हमारा ख़ुदा है।”

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